रात में मोबाइल देखना है कितना खतरनाक, सेहत पर पड़ता है बुरा असर
आज हम अपने जीवन को बिना मोबाइल के सोच भी नहीं सकते हैं। आज मोबाइल हमारी जरूरत बन गया है। हम सभी रात को सोने से पहले मोबाइल जरूर देखते हैं। रात में मोबाइल देखना कुछ हद तक नुकसानदायक हो सकता है। खासकर अगर ये एक आदत बन जाये। नीचे कुछ कारण दिए गए हैं कि क्यों ये खतरनाक हो सकता है :
- आँखों पर असर
अंधेरे में मोबाइल की तेज रोशनी आँखों पर असर डालती है। इससे आँखों में जलन, थकावट और धुंधलापन हो सकता है। इसे डिजिटल आई स्ट्रेन कहा जाता है।
- नींद में खराबी
मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे शरीर के मेलाटोनिन नामक हार्मोन को कम कर देती है। जो नींद लाने में मदद करता है। इसका मतलब है कि मोबाइल देखने से नींद देर से आती है या अच्छी नहीं आती।
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर
रात को ज्यादा मोबाइल चलाने से चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर अगर आप सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करते हों।
- शरीर की बायोलॉजिकल घडी बिगड़ना
रोज देर रात तक जागने से आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक गड़बड़ा सकती है। जिससे दिन में थकावट, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आती है।
- बढ़ती है दिमाग की एक्टिविटी
सोने से पहले जब आप सोशल मीडिया, वीडियो या चैट में व्यस्त होते हैं, तो दिमाग रिलैक्स होने की बजाय और ज्यादा एक्टिव हो जाता है, जिससे सोने में देरी होती है।
क्या करना चाहिए ?
* सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल बंद कर दें।
* अगर जरूरी हो तो नाइट मोड या ब्लू लाइट फ़िल्टर ऑन कर लें।
* अँधेरे में मोबाइल न देखें, कमरे में हल्की रोशनी रखें।
* कोशिश करें कि बिस्तर पर लेटे हए मोबाइल न चलाएं।
