पहलगाम हमले को लेकर दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक हुयी, अनतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई हमले की निंदा
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद, जिसमे 28 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए, भारत सरकार ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई आपात बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर भारत लौटे। लौटते ही प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में आपात बैठक बुलाई। यह बैठक पालम एयरपोर्ट पर ही आयोजित की गई। जिसमे राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पीएम मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो भी है, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जायेगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा।”
गृहमंत्री अमित शाह की समीक्षा बैठक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रॉ प्रमुख, ख़ुफ़िया ब्यूरो निदेशक, सीआरपीएफ महानिदेशक और जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक सहित अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों को तेज करने, क्षेत्रीय प्रभुत्व स्थापित करने और आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए।
हमले की जिम्मेदारी और प्रतिक्रिया
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। जिसने दावा किया कि पीड़ित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े थे। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।
इस हमले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जो उस समय भारत में थे, ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
