सीमा पर तनाव के बीच महबूबा मुफ्ती ने की संयम और संवाद की अपील, आम लोगों की सुरक्षा पर जताई चिंता
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गई हैं। पाकिस्तानी सेना लगातार गोलाबारी कर रही है, जिससे सीमा के नजदीक रहने वाले आम नागरिकों का जीवन संकट में पड़ गया है। हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इन उकसावेभरी हरकतों का करारा जवाब दिया है और किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस तनाव का सबसे बड़ा नुकसान सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले निर्दोष नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यह समय है जब दोनों देशों को शांतिपूर्ण संवाद के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने एक बयान में कहा, “वर्तमान हालात बेहद चिंताजनक हैं। सीमा के पास रहने वाले लोगों की जान जोखिम में है। गोलाबारी में आम नागरिक मारे जा रहे हैं, और यह सिलसिला अब रुकना चाहिए। यह दोनों तरफ से संयम दिखाने और तनाव को कम करने का समय है।”
उन्होंने आगे कहा कि सैन्य कार्रवाई कभी भी किसी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकती। अगर युद्ध जैसे हालात बने रहे, तो इसका असर केवल दोनों देशों पर ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। “जम्मू-कश्मीर के लोग कब तक यूं ही मरते रहेंगे? हमारे बच्चों का खून कब तक बहता रहेगा?” – महबूबा ने यह सवाल करते हुए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से अपील की कि वे बातचीत का रास्ता अपनाएं और जल्द से जल्द समाधान निकालें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। उन्होंने कहा, “अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो इसका परिणाम विनाशकारी होगा और कोई नहीं बचेगा। इसीलिए हमें समय रहते राजनीति और कूटनीति के रास्ते पर चलना होगा।”
तनाव की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। माना जा रहा है कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था। इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त सैन्य कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया गया।
भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान तिलमिला गया और अब वह सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन हमलों के जरिए जवाब देने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर की सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसमें 16 आम नागरिकों की जान चली गई।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने भारत के 15 बड़े शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश भी की। हालांकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) ने इन खतरों को समय रहते पहचान लिया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया।
इस तनावपूर्ण माहौल में महबूबा मुफ्ती की ओर से आई शांति और बातचीत की अपील एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रतिक्रिया है। जहां एक ओर भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर आंतरिक आवाजें यह भी कह रही हैं कि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक रास्ते भी अपनाए जाने चाहिए।
