जनरल असीम मुनीर की अगुवाई में खतरनाक मोड़ पर पाकिस्तान, भारत ने दिया करारा जवाब
पाकिस्तान की मौजूदा सैन्य नीति उसे एक खतरनाक और विनाशकारी दिशा में ले जा रही है। रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय के जनरलों, विशेष रूप से जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में, पाकिस्तान ऐसे फैसले ले रहा है जो न सिर्फ क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि खुद पाकिस्तान के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।
हाल ही में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर की गई सफल कार्रवाई के बाद उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान सरकार हालात को और अधिक बिगड़ने से रोकेगी। शुरुआती संकेत भी ऐसे ही थे कि शायद पाकिस्तानी राजनीतिक नेतृत्व तनाव को बढ़ावा नहीं देगा। लेकिन घटनाओं की श्रृंखला से साफ होता है कि पाकिस्तानी सेना ने सरकार को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
एलओसी पर किया संघर्ष विराम का उल्लघंन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से पहले नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया और फिर 7-8 और 8-9 मई की रात को ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई। ये हमले जम्मू, पठानकोट और उधमपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किए गए, लेकिन भारतीय सेना ने समय पर जवाब देकर इन सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया।
भारतीय रक्षा तंत्र ने इन हमलों को विफल करने में अपनी उन्नत हवाई सुरक्षा प्रणाली और ‘काइनेटिक’ व ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीकों का इस्तेमाल किया। इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान की सभी कोशिशें बेकार साबित हुईं। वहीं भारतीय सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हर नापाक हरकत का जोरदार जवाब दिया जाएगा।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान में पनपे आतंकवादियों की संलिप्तता पाई गई थी। उसी के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के ठिकानों को निशाना बनाया। इस सटीक और प्रभावशाली कार्रवाई से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान वर्तमान में एक असफल रणनीति अपना रहा है। भारत के पास कहीं अधिक मजबूत सैन्य बल, आधुनिक तकनीक और संसाधन मौजूद हैं। भारत तेजी से ड्रोन निर्माण में आत्मनिर्भर बन रहा है, जबकि पाकिस्तान अभी भी विदेशी मदद पर निर्भर है। यही नहीं, चीन भी इस टकराव से दूरी बनाए हुए है, जिससे पाकिस्तान और भी अलग-थलग पड़ता दिख रहा है।
भारत एक जिम्मेदार देश के रूप में क्षेत्र में शांति बनाए रखने के प्रयास कर रहा है, लेकिन उसकी संप्रभुता पर कोई हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान द्वारा बार-बार उकसावे की कार्रवाई और आतंकवाद को समर्थन देना खुद उसके लिए ही नुकसानदायक बनता जा रहा है।
अभी के हालात यह दर्शाते हैं कि पाकिस्तान की सेना अपनी नीतियों के कारण देश को एक ऐसे रास्ते पर ले जा रही है जहां उसका हर कदम नाकामी और संकट की ओर बढ़ रहा है। वहीं भारत अपने संयम और ताकत के संतुलन के साथ हर खतरे का डटकर सामना कर रहा है।
