November 13, 2025

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ऑपरेशन सिन्दूर में मारा गया मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अज़हर का परिवार, कहा काश मैं भी मर जाता

भारतीय सेना द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा संदेश दिया है। इस ऑपरेशन में भारत ने न सिर्फ आतंकियों के कई ठिकाने तबाह किए, बल्कि आतंकी संगठनों की रीढ़ भी तोड़ दी। इस कार्रवाई में सबसे बड़ी खबर यह रही कि कुख्यात आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए। इस घटना के बाद मसूद अजहर खुद को रोक नहीं सका और फूट-फूटकर रोने लगा। उसने दुख जताते हुए कहा, “काश मैं भी मारा जाता।”

यह बयान सुनकर दुनिया को यह समझ में आ गया कि जो इंसान सालों से निर्दोषों की जान लेता आया है, आज जब खुद के परिवार पर आंच आई तो उसकी रूह तक कांप उठी। यह वही मसूद अजहर है जिसने भारत में कई आतंकवादी हमलों की साजिश रची। पठानकोट हमला, पुलवामा हमला और कई अन्य बड़ी घटनाओं में उसका नाम सामने आ चुका है।

ऑपरेशन सिन्दूर एक गुप्त और योजनाबद्ध कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की एक गुप्त और योजनाबद्ध कार्रवाई थी, जिसे सीमा पार जाकर अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के उन ठिकानों को खत्म करना था, जो भारत में लगातार हमलों की योजना बना रहे थे। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में स्थित इन ठिकानों पर भारतीय सेना ने सटीक निशाना साधते हुए हवाई हमले किए, जिनमें मसूद अजहर के रिश्तेदार भी मारे गए।

मसूद अजहर का इस तरह भावुक होकर रोना यह दिखाता है कि आतंकवाद की सोच कितनी खोखली होती है। जो दूसरों के घर उजाड़ता है, वो खुद पर हमला होने पर टूट जाता है। जब उसके अपने मारे गए, तब उसे पहली बार यह अहसास हुआ कि जान की कीमत क्या होती है।

ऑपरेशन सिन्दूर के बाद आतंकियों के मन में डर

कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन न केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से भी बड़ी जीत है। इससे आतंकियों के मन में डर बैठ गया है कि भारत अब किसी भी हद तक जाकर अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

मसूद अजहर का रोना केवल एक आतंकी की बेबसी नहीं, बल्कि उस पूरे आतंकी नेटवर्क की हार है जो सालों से भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा था। अब यह साफ हो गया है कि भारत न सिर्फ अपने लोगों की जान की कीमत समझता है, बल्कि हर हमले का जवाब देने की ताकत और हिम्मत भी रखता है।

आज मसूद अजहर जैसे आतंकियों को यह समझ में आ रहा है कि हिंसा का अंत हमेशा विनाश होता है – चाहे वो किसी और का हो या खुद का। और जब इंसान खुद को खोता हुआ देखता है, तब पछतावा भी किसी काम नहीं आता।

“ऑपरेशन सिंदूर” सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह एक चेतावनी थी – उन सभी के लिए जो भारत की शांति से खिलवाड़ करने की कोशिश करते हैं। मसूद अजहर की आँखों के आँसू बता रहे हैं कि अब डर उनके दिल में बैठ चुका है, और भारत अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और सजग है।

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