गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा निर्देश: ऑपरेशन सिंदूर के बाद अर्धसैनिक बल अलर्ट, छुट्टी पर गए जवानों की तुरंत वापसी के आदेश
भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर की गई मिसाइल कार्रवाई के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। इसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को देश की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए कई अहम निर्देश जारी किए।
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों को आदेश दिया है कि छुट्टी पर गए सभी जवानों को तुरंत ड्यूटी पर वापस बुलाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जहां-जहां जरूरत हो, वहां बंकरों को सक्रिय किया जाए ताकि आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके।
लगातार संपर्क में हैं जम्मू–कश्मीर प्रशासन के साथ
गृह मंत्री शाह ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन से कहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की पूरी व्यवस्था की जाए। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर समन्वय से काम हो रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जवाब
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया। इस अभियान में भारतीय सेना ने मिसाइल हमलों के ज़रिए जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ों को तबाह कर दिया।
गृह मंत्री शाह ने इस कार्रवाई को भारत की सुरक्षा नीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि
“पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या का जवाब अब आतंकवाद के खात्मे से ही दिया जाएगा। मोदी सरकार भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक
ऑपरेशन सिंदूर के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पाकिस्तान और पीओके में की गई सैन्य कार्रवाई की समीक्षा की गई और भावी रणनीतियों पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री जल्द ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक भी बुलाएंगे, जिसमें मौजूदा हालात और सेना की तैयारी पर विस्तार से विचार किया जाएगा।
इस बैठक में सेना के उस ऑपरेशन पर प्रस्ताव पारित किया जा सकता है जिसमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा तबाह किया गया। सेना ने मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बोलने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जहां से खतरा उत्पन्न होगा, वहां तक जाकर कार्रवाई करेगा। गृह मंत्री द्वारा जारी आदेश इस बात का संकेत हैं कि भारत न केवल सीमापार कार्रवाई के लिए तैयार है, बल्कि अपने देश के भीतर भी हर संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
