शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की पहल, सर्वोदय विद्यालयों में एआई पर वर्चुअल सत्र आयोजित

डिजिटल क्रांति के इस दौर में शिक्षा क्षेत्र में भी तकनीक का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और छात्र-केंद्रित बनाने के लिए शिक्षकों का तकनीकी रूप से सक्षम होना बेहद जरूरी हो गया है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग लगातार कदम उठा रहा है। हाल ही में इसी कड़ी में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए एक वर्चुअल इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।
टीसीएस-सीएसआर स्कूल प्रोग्राम टीम के सहयोग से यह सत्र आयोजित किया गया, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के शैक्षिक क्षेत्र में उपयोग पर विशेष चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को एआई तकनीकों से अवगत कराना और उन्हें कक्षा शिक्षण में बेहतर ढंग से लागू करने की दिशा में मार्गदर्शन देना था।
शिक्षकों को एआई की मूलभूत जानकारी और व्यवहारिक उपयोग का प्रशिक्षण
इस वर्चुअल सत्र में एआई के मूल सिद्धांतों के साथ-साथ इसका व्यावहारिक प्रयोग कैसे किया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा की गई। सत्र में बताया गया कि किस प्रकार एआई शिक्षा जगत में क्रांति ला सकता है, और कैसे शिक्षक इससे लाभ उठा सकते हैं।
साथ ही एनसीईआरटी द्वारा प्रस्तावित एआई पाठ्यक्रम की रूपरेखा और उसके उद्देश्यों को भी विस्तार से समझाया गया। शिक्षकों को यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में छात्र-छात्राएं डिजिटल माध्यमों से तेजी से जुड़ रहे हैं और ऐसे में उनके साथ संवाद स्थापित करने के लिए शिक्षकों को तकनीकी रूप से दक्ष होना चाहिए।
शिक्षण में उपयोगी तकनीकी उपकरणों और ऐप्स की जानकारी
कार्यक्रम में शिक्षकों को शिक्षण कार्य में सहायक तकनीकी ऐप्स और टूल्स के बारे में भी जानकारी दी गई। कई ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और एआई टूल्स की जानकारी दी गई जिन्हें शिक्षण के दौरान प्रयोग में लाकर पढ़ाई को रोचक और प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
शिक्षकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के सत्र उनके लिए अत्यंत उपयोगी हैं और इससे उन्हें तकनीकी बदलावों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद मिलती है।
सत्र का संचालन और सहभागिता
इस कार्यक्रम का संचालन जीओआईटी के एचआर निशिथ प्रभ ने किया। उनके साथ इस अवसर पर एचआर मैनेजर मयंक त्यागी, सीएसआर डिलीवरी मैनेजर आरती रविशंकर, और जीओआईटी के रीजनल हेड सुजित वैद्य जैसे प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। सभी विशेषज्ञों ने शिक्षकों को अपने अनुभवों और जानकारियों से लाभान्वित किया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार आगे बढ़ रही पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में समाज कल्याण विभाग शिक्षा को तकनीक से जोड़ने के प्रयासों को सशक्त रूप से आगे बढ़ा रहा है। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण लगातार यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के छात्रों को आधुनिक तकनीकी दुनिया से जोड़ने के लिए शिक्षकों को उचित संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए।
इसके तहत अधिकारियों को मासिक लेक्चर व कार्यशालाओं के आयोजन के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि तकनीकी जागरूकता को संस्थागत रूप से बढ़ावा दिया जा सके।
109 सर्वोदय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में कार्य
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा 109 सर्वोदय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य वंचित वर्गों के बच्चों को निःशुल्क आवासीय सुविधा सहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है।
इन विद्यालयों के शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना समाज के उन तबकों तक डिजिटल शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
शिक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य आधुनिक तकनीकों की बढ़ती भूमिका को देखते हुए शिक्षकों को समय के साथ अपडेट रखना जरूरी है। समाज कल्याण विभाग द्वारा लिया गया यह कदम न केवल शिक्षकों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगा, बल्कि छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा देने में सहायक सिद्ध होगा।