भारतीय सेना ने मिसाइल हमले में आतंक के गढ़ को किया नेस्तनाबूद, मसूद अजहर का परिवार भी मारा गया
22 अप्रैल 2025 को भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) के भीतर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस मिसाइल हमले में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे खूंखार संगठनों के कई ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
इस हमले की खास बात यह रही कि भारतीय सेना ने सीमापार जाकर उन आतंकियों को निशाना बनाया, जो वर्षों से भारत में आतंकी हमलों की साजिश रचते आ रहे थे। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, मारे गए।
किन ठिकानों पर हुई कार्रवाई?
भारतीय सेना ने एक साथ कई स्थानों को टारगेट किया। मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वारी, भीमबेर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल जैसे इलाकों में आतंकी अड्डों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। ये सभी स्थान पाकिस्तान और पीओके में स्थित हैं और वर्षों से आतंकियों की पनाहगाह बने हुए थे।
मसूद अजहर के परिवार पर कहर
मिसाइल हमले में मसूद अजहर के 10 पारिवारिक सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए। इनमें उसकी बड़ी बहन, बहनोई, भतीजे और उनके बच्चे शामिल हैं। मसूद अजहर ने इस हमले के बाद एक भावुक बयान जारी किया, जिसमें उसने कहा:
“आज रात मेरे परिवार के 10 लोगों को एक साथ शहादत मिली। चार मासूम बच्चे, जिनकी उम्र 3 से 7 साल के बीच थी, जन्नत के फूल बन गए। मेरी बहन, उनके पति, मेरे भतीजे और उनकी पत्नी, सभी अल्लाह को प्यारे हो गए।”
हालांकि उसने इस दुख को बड़ा बताया, लेकिन उसने यह भी कहा कि उसे इस पर कोई अफसोस नहीं है और वह खुद भी मरने की ख्वाहिश रखता है।
लश्कर और हिजबुल के टॉप आतंकी भी मारे गए
इस हमले में मुजफ्फराबाद के पास जामिया मस्जिद बिलाल के पास लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी वकास और हसन को भी खत्म कर दिया गया। वहीं मुरीदके स्थित लश्कर के मुख्यालय मरकज तैयबा पर हुए हमले में संगठन के दो बड़े आतंकी — अब्दुल मलिक और मुदस्सिर भी मारे गए।
सेना का संदेश: अब सर्जिकल नहीं, निर्णायक स्ट्राइक
भारतीय सेना की यह कार्रवाई यह साफ संदेश देती है कि अब भारत केवल जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जहां से खतरा उठेगा, वहीं जाकर उसे खत्म किया जाएगा। यह ऑपरेशन आतंकी संगठनों को यह बताने के लिए काफी है कि भारत अब नर्मी के रास्ते पर नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की रणनीतिक ताकत, साहस और स्पष्ट इरादों का प्रतीक है। अब आतंकियों को यह समझ लेना चाहिए कि भारत की शांति के साथ खिलवाड़ करने की कीमत उन्हें बहुत भारी पड़ेगी। मसूद अजहर जैसे आतंकियों के लिए यह चेतावनी है कि उनके घर भी अब सुरक्षित नहीं रहे। अब बारी उन सभी की है, जो आतंक को पनाह देते हैं।
