बीजों की गुणवत्ता पर सियासत: जीतू पटवारी का शिवराज सिंह चौहान और मोहन सरकार पर निशाना

मध्य प्रदेश में एक बार फिर से बीजों की गुणवत्ता को लेकर राजनीति गरमा गई है। इस बार मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में बिकने वाले अमानक बीजों को लेकर टिप्पणी की। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने न केवल शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाए, बल्कि राज्य की मौजूदा सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया।
पटवारी का गंभीर आरोप
पत्रकारों से बातचीत में जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह का यह बयान सिर्फ किसानों की सहानुभूति पाने का प्रयास नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति है। उनका आरोप है कि शिवराज सिंह इस मुद्दे को उठाकर यह जताना चाहते हैं कि वह आज भी सक्रिय हैं और भविष्य में फिर से मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में हैं।
पटवारी ने कहा कि बीजों की गुणवत्ता को लेकर जो बात शिवराज ने कही, वह आंशिक रूप से सही है। उन्होंने माना कि मध्य प्रदेश में देशभर के मुकाबले सबसे ज्यादा खराब और नकली बीजों की बिक्री हो रही है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी खुद शिवराज पर भी आती है। वे अब केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, इसलिए केवल बयान देकर जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते।
“जब शिवराज मुख्यमंत्री थे, तब भी अमानक बीज बिकते थे”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह समस्या कोई नई नहीं है। जब शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब भी नकली बीजों का बाजार खूब फल-फूल रहा था। उस समय भी किसानों को भारी नुकसान हुआ था और अब भी वही सिलसिला जारी है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस पूरे खेल में हजारों करोड़ रुपये का कमीशन चलता है, जिसकी जानकारी सरकार को है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जाता।
“शिवराज सिंह किसानों का भरोसा नहीं जीत सकते“
पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अब कृषि मंत्री हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। इस तरह के बयान देकर वे किसानों का भरोसा नहीं जीत सकते। किसानों को राहत दिलाने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने होंगे, सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा।
मूंग की खरीदी पर सरकार को धन्यवाद, लेकिन बाकी फसलों की दरों पर सवाल
पटवारी ने राज्य सरकार द्वारा मूंग की खरीदी को लेकर लिए गए निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव को धन्यवाद दिया। उन्होंने साथ ही यह भी मांग रखी कि गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,700 रुपये प्रति क्विंटल, धान की 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन की 6,000 रुपये प्रति क्विंटल होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब शिवराज सिंह मुख्यमंत्री थे, तब भी किसानों को इन फसलों का उचित मूल्य नहीं मिला और अब मोहन यादव की सरकार में भी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। कांग्रेस का यही प्रयास रहेगा कि किसानों को उनका वाजिब हक दिलाया जाए।
“कांग्रेस किसानों के हितों के लिए लड़ेगी“
पटवारी ने प्रेसवार्ता के अंत में स्पष्ट कहा कि अगर किसानों को नुकसान पहुंचता है या उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है, तो कांग्रेस पार्टी अपना कर्तव्य निभाएगी। उन्होंने दो टूक कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन भी कर सकते हैं।
बीजों की गुणवत्ता, किसानों की समस्याएं, और सरकारी नीतियों को लेकर मध्य प्रदेश में राजनीति एक बार फिर से तेज हो गई है। जहां शिवराज सिंह चौहान अपने बयान से मुद्दा उठाते नजर आए, वहीं जीतू पटवारी ने इस बयान को एक सियासी चाल बताया। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विवाद पर क्या कदम उठाती है, और क्या किसानों को वास्तव में इससे कोई राहत मिलती है या नहीं।