सरकार ने 8 मई को बुलाई सर्वदलीय बैठक, ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष से करेगी चर्चा
भारत सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 8 मई 2025, गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे और उन्हें सरकार की ओर से इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक देश की सुरक्षा और रणनीति से जुड़े मामलों को लेकर अहम मानी जा रही है। इसमें विपक्ष को विश्वास में लेने और राष्ट्रीय एकता के संदेश को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले की ज़िम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों ने ली थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात “ऑपरेशन सिंदूर” नामक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके के कई आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमलों से तबाह कर दिया गया।
इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य, लश्कर और हिजबुल के टॉप आतंकी भी मारे गए। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
सर्वदलीय बैठक की ज़रूरत क्यों पड़ी?
सरकार का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई राजनीतिक सीमाओं से ऊपर है और इस समय पूरा देश एकजुट होकर खड़ा रहे, यही सबसे जरूरी है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों को भी इस मसले पर जानकारी देने और सुझाव लेने के लिए बैठक में बुलाया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,
“यह समय राजनीति से ऊपर उठकर सोचने का है। देश की सुरक्षा सबसे पहले है। हम चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल मिलकर देश को एकजुट संदेश दें।”
कौन–कौन होगा शामिल?
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, डीएमके, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), टीआरएस, वाम दलों सहित अन्य क्षेत्रीय दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। केंद्र सरकार की ओर से रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सेना प्रमुख भी बैठक में उपस्थित रह सकते हैं।
बैठक में सरकार ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा, कार्रवाई की जानकारी, वर्तमान सुरक्षा स्थिति और आगे की रणनीति से विपक्ष को अवगत कराएगी।
क्या हो सकती है बैठक से उम्मीद?
इस बैठक से यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार और विपक्ष मिलकर एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, यह भी संभावना है कि कुछ दल सरकार से भविष्य की रणनीति पर सवाल पूछ सकते हैं, और सुरक्षा इंतजामों में सुधार के सुझाव दे सकते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी बैठकों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश जाता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा को लेकर एकजुट और दृढ़ है।
8 मई की सर्वदलीय बैठक न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा का मंच बनेगी, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक परंपरा का भी एक मजबूत उदाहरण होगी, जिसमें सरकार और विपक्ष देश के हित में एक साथ बैठकर विचार कर रहे हैं। इस समय जब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर खड़ा है, तब यह बैठक राष्ट्रीय एकता और सामूहिक जिम्मेदारी की मिसाल बन सकती है।
