हिमाचल प्राथमिक शिक्षा संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा मांगें नहीं मानी तो संघ क्रमिक अनशन
हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा संघ और अन्य शिक्षक संघठनों ने राज्य सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। यह नीति दिसंबर 2024 में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत की गई थी, जिसके तहत प्राथमिक स्कूलों में प्रति पीरियड 200 रुपये, मिडिल स्कूलों में 250 रुपये, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 400 रुपये और कॉलेजों में 500 रुपये के हिसाब से अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
विरोध का मुख्य कारण
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह नीति स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति को टालने का एक तरीका है, जिससे योग्य उम्मीदवारों के लिए अवसर कम हो जाते हैं। शिक्षित बेरोजगार संघ ने इस नीति को युवाओं के साथ विश्वासघात बताया है, क्योंकि चुनावों के दौरान सरकार ने हर साल एक लाख नौकरियों का वादा किया था, जिसे अब पूरा नहीं किया जा रहा है। एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयुआई जैसे छात्र संघठनों ने भी इस नीति के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया है।
वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भी स्थायी नीति की मांग को लेकर शिमला में धरना प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही सरकार से लिखित आश्वासन की मांग की है। इसके अलावा एसएमसी शिक्षक संघ के 2500 शिक्षकों ने अपनी सेवाओं के नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकार को 25 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया था, अन्यथा भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि यह नीति केवल अस्थायी शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए है और इससे नियमित नियुक्तियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने बताया है कि 6000 से अधिक शिक्षकों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों और शिक्षित बेरोजगारों के बीच अस्थायी नियुक्तियों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। सरकार की गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है, और विभिन्न संघठन सरकार से स्थायी नियुक्तियों और नीतियों की मांग कर रहे हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि यह नीति केवल अस्थायी समाधान के रूप में है और नियमित भर्तियों की प्रक्रिया जारी है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे सनुष्ट नहीं हैं और आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं।
